सोचने का अब समय नहीं,
बिन सोचे रहा जाता नहीं.
सिख लेनी है पूर्वजों से,
सीखना है इतीहास से.
क्या खोया क्या पाया हमने,
क्या बोया था क्या उगाया हमने.
पीछे मुड़ने का अब समय नहीं,
लेकिन पिछली बातों को भूलना नहीं.
कब थी ये देश सोने की चिड़िया
अब तो उसकी परछाई भी नहीं.
ऋषि मुनियों का देश था ये,
साधू संतों का घर था ये.
शुर वीरों का क्रीडा भू था ये,
वीर जवानों का रण भूमि था ये.
उठो जागो वीर जवानों देश का,
सुन लो पुकार माँ भारती का.
अब समय आया है साधू संत शुर वीर जवानों का,
समय है ये देश को फिर सोने की चिड़िया बनाने का.
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