शनिवार, 23 जुलाई 2011

कहीं किसी रोज दादी की गोद में बैठ के सुना था 
इस देश में शुर वीरों की भरमार था.
लढ़ते थे दुश्मनों से लगा कर जान की बाजी,
हँसते हँसते सहीद होते थे न कोई दुःख न कोई भय थी. 
कहानी है रामायण में भगवन राम की 
कहानी थी महाभारत में श्री कृष्ण भगवान की.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें