बुधवार, 28 सितंबर 2011

क्या भाई क्यूँ हटेगा ये भ्रष्टाचार ,

अगर देश से भ्रष्टाचार हटाना है तो मूलरूप से लोगों के मानसिकता में परिवर्तन लाना जरुरी है,अगर लोगों के मानसिकता में परिवर्तन लाना है तो शिक्ष्या का मूलभूत परिवर्तन अत्यंत आवश्यक है | आज की शिक्ष्या नीति हमें जो सिखा रहा है उसे पढ़कर कोई साधुता या सच्चोटता की बात करेगा ये असंभव है |
कोई बात नहीं
देश ऐसे ही चलता रहेगा,
हम सोते रहेंगे और देश हमारा लूटता रहेगा.
कारवां आते रहेंगे,
हमें लूटते रहेंगे.
जब हम नींद से जगेंगे,
तब हम सड़क पर भीख मांग रहे होंगे.
भीख मांगने में नंबर १ है हम,
दुनिया से भीख मांग कर चलाते हैं देश हम.
स्वार्थपरता में नंबर १ है हम,
भ्रष्टाचारिता में भी हम नहीं कुछ कम.
देश के पैसे को हम अपना समझते,
इसीलिए उसको अपनी तिजोरी में भरते.
सेवा के नाम पर मेवा खाते हैं हम,
भ्रष्टाचार हटाने की नारा लगाते हैं हम.
क्या भाई क्यूँ हटेगा ये भ्रष्टाचार ,
जब कि हमें विरासत में मिली है ये अचार.

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