वॉशिंगटन। गुजरात दंगों के बाद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगे दाग एक-एक कर साफ होते दिखाई दे रहे हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट से राहत और अब अमेरिकी कांग्रेस द्वारा उनकी जमकर तारीफें। अमेरिकी कांग्रेस अनुसंधान सेवाओं (सीआरएस) द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के राज्यों की बात करें तो नरेंद्र मोदी का शासन सबसे अच्छा और प्रभावशाली रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में गुजरात की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कांग्रेस ने गुजरात के बाद बिहार की तारीफें करते हुए भाजपा को अगले चुनाव का प्रबल दावेदार भी बताया है।
सीआरएस रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के बाद बिहार का नंबर आता है, जहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। बिहार की शासन प्रणाली भी काफी बेहतरीन है। साथ ही यहां प्रशासनिक कुशलता भी देखी गई है। रिपोर्ट में लिखा है, "भारत में गुजरात, जहां के मुख्यमंत्री विवादों से घिरे हुए हैं, एक ऐसा राज्य है, जहां तेजी से विकास और प्रभावशाली शासन का देश की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने में काफी योगदान है।"
सीआरएस अमेरिकी कांग्रेस का एक अनुभाग है, जो समय-समय पर इस प्रकार की रिपोर्ट तैयार करता है। भारत पर बनी 94 पृष्ठों की यह रिपोर्ट 1 सितम्बर को जारी की गई थी। रिपोर्ट में मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा गया कि 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित आरोपों के बावजूद मोदी ने प्रदेश में व्यापक स्तर पर निवेश को बढ़ावा दिया, बेहतरीन सड़कें बनवायीं, बिजली की समस्या को काफी हद तक खत्म किया और वार्षिक वृद्धि की दर 11 प्रतिशत तक पहुंचा दी।
गुजरात में जनरल मोटर्स और मिटसूबिशी जैसी तमाम कंपनियों ने निवेश किया है। इस राज्य में देश की कुल पांच प्रतिशत जनसंख्या है और भारत का पांच प्रतिशत से अधिक एक्सपोर्ट यहीं से होता है।
जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा के शासन काल की उपलब्धियों से उत्तर प्रदेश की सीएम मायावती भी प्रेरणा ले सकती हैं। तीसरे मोर्चे का गठन कर राजनीति में तेज दौड़ लगाने वाली मायावती का अब पूरा ध्यान विकास पर है। सीआरएस की रिपोर्ट में अंत में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की जीत को भी सराहा गया है। साथ ही तेलंगाना पर भी चर्चा की गई।
सीआरएस रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के बाद बिहार का नंबर आता है, जहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। बिहार की शासन प्रणाली भी काफी बेहतरीन है। साथ ही यहां प्रशासनिक कुशलता भी देखी गई है। रिपोर्ट में लिखा है, "भारत में गुजरात, जहां के मुख्यमंत्री विवादों से घिरे हुए हैं, एक ऐसा राज्य है, जहां तेजी से विकास और प्रभावशाली शासन का देश की अर्थ व्यवस्था को मजबूत बनाने में काफी योगदान है।"
सीआरएस अमेरिकी कांग्रेस का एक अनुभाग है, जो समय-समय पर इस प्रकार की रिपोर्ट तैयार करता है। भारत पर बनी 94 पृष्ठों की यह रिपोर्ट 1 सितम्बर को जारी की गई थी। रिपोर्ट में मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा गया कि 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित आरोपों के बावजूद मोदी ने प्रदेश में व्यापक स्तर पर निवेश को बढ़ावा दिया, बेहतरीन सड़कें बनवायीं, बिजली की समस्या को काफी हद तक खत्म किया और वार्षिक वृद्धि की दर 11 प्रतिशत तक पहुंचा दी।
गुजरात में जनरल मोटर्स और मिटसूबिशी जैसी तमाम कंपनियों ने निवेश किया है। इस राज्य में देश की कुल पांच प्रतिशत जनसंख्या है और भारत का पांच प्रतिशत से अधिक एक्सपोर्ट यहीं से होता है।
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रिपोर्ट में आगे पेशे से इंजीनियर व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि 2011 के चुनाव में नीतीश कुमार की जीत उनके कुशल शासन का ही परिणाम थी। उन्होंने विकास के आधार पर एक ऐसे गरीब राज्य में जीत हांसिल की, जहां हमेशा से जातिवाद के नाम पर वोट पड़ते आये हों। राज्य की कानून व्यवस्था में काफी हद तक सुधार आया है। इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से विकास हुआ, जिसका सीधा लाभ यहां के आम नागरिकों को मिला।जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा के शासन काल की उपलब्धियों से उत्तर प्रदेश की सीएम मायावती भी प्रेरणा ले सकती हैं। तीसरे मोर्चे का गठन कर राजनीति में तेज दौड़ लगाने वाली मायावती का अब पूरा ध्यान विकास पर है। सीआरएस की रिपोर्ट में अंत में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की जीत को भी सराहा गया है। साथ ही तेलंगाना पर भी चर्चा की गई।
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