बुधवार, 3 अगस्त 2011

अब समोसे पर भी फतवा !

अब समोसे पर भी फतवा !
क्या-क्या करेगा मुसलमान इस दुनियाँ में ?
क्या समोसा भी इस्लाम के विरुद्ध खड़ा हो सकता है ?

सोमालिया आजकल भयंकर सूखे की चपेट में है ! और इस कारण से यह देश कुपोषण और घरेलु हिंसा की दोहरी मार झेल रहा है ! ऐसे कठिन हालात में भी वहाँ के एक कट्टर मजहबी संगठन ''अल शबाब'' ने समोसे को इस्लाम के खिलाफ बताते हुए उस पर पाबन्दी लगा दी है ! ''अल शबाब'' की वहाँ तूती बोलती है और देश का एक बड़ा हिस्सा इसके प्रभाव क्षेत्र में है !

अब आखिर प्रश्न उठता है कि क्यों है ''अल सबाब'' को समोसे से चिढ ? वह इसलिए, क्योंकि इस मजहबी उन्मादी इस्लामी संगठन का मानना है कि समोसे के तीन कोने होते हैं ! और ये तीन कोने इसाई पंथ में वर्णित ''होली ट्रिनिटी'' की याद दिला सकते हैं मुसलमानों को ! इसाई पंथ के अनुसार, ''होली ट्रिनिटी'' माने ईश्वर के तीन रूप- पिता, बेटा और पवित्र आत्मा ! सोमालिया में समोसे में आलू, मटर, धनिया, मिर्च नहीं कीमा और सब्जियां भर कर समोसा बनाए जाने का रिवाज है ! वहाँ इस समोसे को बड़े चटखारे लेकर खाया जाता है ! परन्तु अब ''अल शबाब'' के कारिंदे वाहनों पर लौडीस्पीकर लगाकर उन इलाकों में समोसे पर पाबन्दी की मुनादियां करते फिर रहे हैं जहाँ उनका सिक्का चलता है ! परन्तु संगठन इस पाबन्दी की असली वजह आम जनता को नहीं बता रहा है !

जिस देश में एक करोड़ दस लाख लोग अकाल की मार झेल रहे हैं, वहाँ ''अल शबाब'' का मजहबी उन्माद सिर चढ़ कर बोल रहा है ! सूखे की मार झेल रहे कई हिस्सों के लोगों तक राहत इसीलिए नहीं पहुँच पा रही है क्योंकि वहाँ सरकारी और विदेशी राहत एजेंसियाँ ''अल शबाब'' के खौफ के कारण जा नहीं पा रही हैं !


अच्छा हुआ कि इन कट्टर पंथी मुल्लाओं को पता नहीं दक्ष्य प्रजापति जो कि भगवान शिवजी के शशुर है उनका सिर भी बकरे का है, जिस दिन ये बात इन कठमुल्लाओं को पता चल जायेगा तो शायद ये बकरीद पर भी फतवा जारी कर के मानना छोड़ देंगे. 

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