क्यूँ रोऊँ, किसिलिये रोऊँ,किसके लिए रोऊँ, कब रोऊँ,कहाँ रोऊँ, कैसे रोऊँ,
रोना तो रोना ही है चाहे क्यूँ भी,किसिलिये भी,किसीके लिए भी, कब भी,कहीं भी, और कैसे भी हो.
कोई पेट के लिए रोता है,कोई पैसे के लिए रोता है.,
माँ बाप बच्चों के लिए रोते हैं,बच्चे माँ बाप के लिए,
भाई बहन के लिए बहिन भाई के लिए.
प्रेमी प्रेमिका के लिए प्रेमिका प्रेमी के लिए,
पत्नी के लिए पति रोता है, पति के लिए पत्नी.
भूखा बच्चा दूध के लिए भूखी माँ रोटी के लिए,
शिर पर छत नहीं खाने को रोटी नहीं,
दाने दाने के लिए मोहताज आँखों में आंसू नहीं,
सेठ बड़ा सेठ होने के लिए लखपति कोरोड्पति होने के लिए,
नेता मंत्री बनने के लिए,मंत्री प्रधानमंत्री के लिए
कम पदवी मिला उसके लिए बड़ी पदवी मिल गया उसके लिए,
पैसा नहीं है उसके लिए रोना, पैसा मिल गया उसके लिए भी रोना.
कोई पैदा हुआ रोना कोई मर गया रोना,
खुशियों में रोना दुःख में भी रोना
शादी में रोना विदाई में भी रोना.
घर बन गया तो रोना, घर उजाड़ गया तो भी रोना.
बच्चे का माँ के आगे रोना, माँ का पिता के आगे रोना
पिता का अफसर के सामने रोना,अफसर का नेता के आगे रोना.
नेता का मंत्री के आगे रोना मंत्री प्रधानमंत्री के सामने रोना
प्रधानमंत्री का जनता के सामने रोना रोना और रोना,
चीखना चिल्लाना शिर पटकना फिर भी थमता नहीं ये रोना.
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