गुरुवार, 11 अगस्त 2011

देश तरक्की कर रहा है, विकशित देशों की गिनती में आ रहा है.वाह वाह रे विकाश !! तरक्की का  यह एक नमूना है.ये आजाद देश का नागरिक है .
सब इनके लिए रोते हैं दिखावे का रोना.नेता लोग वोट की चक्कर में नौटंकी करने पहुँच जाते हैं.अफसर लोग नौकरी बनाये रखने के लीये फोटो खिंचवा लेते हैं.बन जाते हैं आम  आदमी  का नेता और अफसर. किसी गाँव की कच्ची सड़क पर चल देने से,किसी गाँव की चौपाल पर बैठ जाने से या किसी गरीव के घर जाकर दो टुकड़ा रोटी खाने से या भीड़ भरी ट्रेन की साधारण डिब्बा में एक दिन के लिए सफ़र कर देने से या भाषण में गरीवों के लिए कुछ कह देने से कोई गरीवों का मसीहा नहीं हो जाता.जिसने गरीवी झेला है वो ही जानता है गरीवी क्या है भूख क्या है.बाकि सब तो भइये नौटंकी वाले हैं."ये बेवकूफ जनता कुछ नहीं जानता", जितना भी और जैसे भी बेवकूफ बनाया जा सके बनाओ इनको. 

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