एक तरफ मीडिया बाले स्वामी रामदेव जी की चारों तरफ मधु मक्षी की तरह भिनभिनाते हुए फिर रहे थे , कभी मीडिया एक दिन के लिए भी स्वामी निगमानंद जी की बातें लोगों के सामने क्यूँ नहीं रखा ? मीडिया खुद की तरफ ध्यान दे कि वो क्या कर रहा था इन ६२ दिनों तक ? इन ६२ दिनों में ६ बार भी तो उनके बारे में कहा होता ,लेकिन नहीं मीडिया को पता है किस्मे ज्यादा दम है , किस्मे ज्यादा मसाला है ,मीडिया खुद कि हकीकत को छुपाने के लिए दूसरों पर दोष मढ़ देना अछि तरह जानता है .मीडिया स्वामी निगमानंद जी के बारे में अपनी भूमिका स्पस्ट करें .क्या ये मीडिया को पता नहीं था ? अगर पता नहीं था तो पता करना चाहिए था अब क्यूँ चिल्ला रहा है ? अगर पता था तो स्वामी निगमानंद जी क़ी बातें लोगों के सामने क्यूँ नहीं रखा ? अगर रखा भी तो कितनी बार रखा ? जब कि स्वामी रामदेव जी कि बारे में उसदिन से लेकर आजतक गला फाड़ कर मीडिया बाले चिल्ला रहे हैं . धन्य मीडिया बाले ! चीत भी तुम्हारा पट भी तुम्हारा खो तो हमारा.
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