सोमवार, 28 नवंबर 2011

र्वीर्यहीन मनुष्य कैसे बलशाली हो सकता है ?????

मैं एक शांतिप्रिय आदमी हूँ (वैसे असल में मैं शांतिप्रिय नहीं हूँ ) क्यूँ कि मैं दुर्वल हूँ (मैं दुर्वल भी नहीं हूँ) | मुझे कोई एक थप्पड़ मारेगा (मारने की सोचने से पहले ही उसका थोबड़ा बिगाड़ दूंगा ) तो मैं दूसरा गाल आगे कर दूंगा | अगर कोई दुर्वल व्यक्ति यह कहे कि वो शांतिप्रिय और अहिंसक है, ये तो ऐसी बात हुई न कि कोई नपुंसक यह कहे कि वो संयमता पालन कर रहा है | अहिंसा की बात बलवान को ही शोभा देती है दुर्वल को नहीं,जैसे कि संयमता आचरण की बात पुरुषत्वहीन निर्वीर्य पुरुष की मुंह से शोभा नहीं देता | आज से अनेक साल पहले यह हमारा राष्ट्र जो की पौरषत्व युक्त बलशाली था, किसी पौरषत्व हीन दुर्वल व्यक्ति की बह्काबे में आकर भूल चुकी है |  र्वीर्यहीन मनुष्य कैसे बलशाली हो सकता है ?????

यह अगर इतना ही सच्चा इन्सान है तो राजनीति जैसे गन्दगी भरा कीचड़ में क्यूँ पड़ा है छोड़ क्यूँ नहीं देता राजनीति ? समाज सेवा बिना राजनीति के भी किया जा सकता है इसमें यूथ लोगों को बुलाने की भी जरुरत नहीं है यूथ अपने आप पहुँच जायेंगे |लोगों को कैसे ठगा जाये ये इससे सीखना चाहिए |

ये थप्पड़ की बात कर रहा है या व्हाई दिस कोलाबरी की एड कर रहा है ?

इस देश का नियम कानून सब कुछ गरीव और निर्धन लोगों पर ही लागू होता है जी | किसी पैसे वाले लोगों पर नहीं |
माँ  तब  भी  रोती  थी  जब  बेटा  खाना  नहीं  खता  था ,माँ  अब  भी  रोती  है  जब  बेटा  खाना  नहीं  खिलाता  है . एक  माँ तीन बेटे को पाल सकती  है  लेकिन  तीन  बेटों  से  एक  माँ  नहीं  पाली जा सकती . इस  मेसेज को  इतना  शेयर  करो  कि कोई  माँ  भूखी  न  रहे . इससे तुम्हारी सर पर माँ का आशीर्वाद सदा बनी रहेगी . ''माँ  मेरी  प्यारी  माँ ''


काँग्रेस का एक भी नेता ये बताने को तयार नहीं है की "एफ़डीआई" की क्या जरूरत है | 
पढे लिखे नेता कह रहे हैं सुनिए उनके तर्क अनपद आदमी भी हसेगा उन पर -

# किसानो को अच्छे दाम मिलेंगे - 
अब क्यों नहीं दे देते ? राजनीति के लिए कर्ज़ माफ कर देंगे पर 
महारास्ट्रे के किसानो को कपास का सही मूल्य नहीं देंगे

# इनफ्रास्ट्रक्चर लगाएँगे -
अब क्यों नहीं लगा देते ? सरकार अपनी जेब से क्यों नहीं लगा सकती ?
क्योंकि सरकार की अपनी कोई योग्यता ही नहीं है

# बीचोलिए खतम होंगे -
जिससे मेहंगाई घटेगी , देश की जनता को जहर दे दो -
सब खतम हो जाएंगे , पूरी महंगी खतम हो जाएगी ? कितना अजीब तर्क है - तुम तो आतंकवाद को भी कंट्रोल नहीं का कर सकते - फिर क्या करें?
हिंदुस्तान को अमेरिका या इंग्लैंड को दे दें ?

# क्वालिटी मिलेगी -
वाल मार्ट क्या अमेरिका से आयात करेगा वस्तुएं ?
चाइना का माल हम खुद आयात नहीं कर सकते ? हमारे किसानो ने पूरी दुनिया को खेती करना सिखाया , क्या ये लोग हमे सिखाएँगे क्वालिटी क्या है ? भारतवर्ष मैं जब 200 तरह का चावल उगाया जाता था उस समय पूरी दुनिया केवल मास खाती थी ? तो हमे अब खाना पीना अमेरिका से सीखना होगा ?

#रोजगार बढ़ेंगे
रोजगार बढ़ाएगी नहीं यहाँ के रोजगार को खत्म करके उस पर वे
खुद राज करेगी जो पैसे अमेरिका यूरोप जाएगा हमें मिलेगा तो चवन्नी अठन्नी ....

# डिस्ट्रिब्यूशन अच्छा होगा - सरकार की अपनी कोनसी लोजीस्टिक कंपनी है ? सरकार के अपने कोनसे कोल्ड स्टोरेज हैं ? सरकार फूड डिस्ट्रिब्यूशन पर कोनसी स्पेशल सब्सिडि देती है ? अगर सरकार खुद कुछ नहीं कर सकती तो क्या देश को बेच दोगे? क्या इंडिया मैं ऐसा कोई बिज़नस हाउस नहीं है जो इन सब मैं इनवेस्टमेंट कर सके और करवा सके ? अगर रिलायंस पावर मैं लोग अंधे हो कर इनवेस्टमेंट कर सकते हैं तो क्या आप रीटेल इनफ्रास्ट्रक्चर मैं स्माल सैक्टर के व्यापारियों से इनवेस्टमेंट नहीं करा सकते ?

अगर आप वास्तव मे एफ़डीआई के पक्ष मे हो तो निश्चित ही देश को गुलामी के रास्ते पर ले जा रहे हो ... नई ईस्ट इंडिया कंपनियों को पहले से ही खदेड़ दो नहीं तो काफी देर हो जाएगी हम तो दुध से जले है छाछ को फूँक फूँक कर पिएंगे



धन्यवाद भाई साब "MY MOTHER IS REALLY GREAT" 







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