बुधवार, 28 दिसंबर 2011

तत्परता किस ओर ?

गोहत्या निरोध के सम्बन्ध में महात्मा गांधीजी से लेकर प्रत्येक कांग्रेसी गोरक्ष्या के लिए वचनबद्ध रहे है,किन्तु गत अनेक वर्षों से ये कार्य हो न सका | महात्मा गांधीजी चले गए उनके साथ ही कान्ग्रेसिओं का वचनबद्धता भी चला गया | ठीक ऐसे ही संस्कृत भाषा के साथ हुआ | कांग्रेसी शासन ने यह माना कि भारत की उन्नति में सम्पूर्ण देश की एकात्मता निर्माण करने के लिए संस्कृत भाषा का बहुत बड़ा योगदान है | इतना ही नहीं इस कार्य की परगति के लिए भी एक आयोग बिठाया गया | इस आयोग ने अपने प्रतिबेदन में यह सुझाव भी दिया कि सम्पूर्ण देश की पाठशालाओं में मात्रिक के स्टार तक संस्कृत भाषा के अध्ययन अनिवार्य कर देना चाहिए | किन्तु बाद में आयोग समाप्त हो गया और सुझाब कभी भी कार्यान्वित नहीं किया गया | देश की एकात्मता निर्माण करने के लिए आवश्यक इतना बड़ा यह कार्य कांग्रेस शासन ने छुआ तक नहीं |

कांग्रेसी शासन ने अनेक बार पर्व उत्स्सवों के प्रसंग प्र देश की प्राचीन गौरव गारिमा का बखान किया और कांग्रेस के कर्णधार लालकिले की छोटी से तालियों की गडगडाहट के बीच यह कहते रहे कि गौरवशाली प्रतिष्ठा पर किसी भी प्रकार विश्व में आंच न आने दी जायेगी | किन्तु अक्षय कृति करने का अवसर आने पर उन्होंने अपने वचन पर ध्यान नहीं और परिणाम यह निकला कि विश्व भर में भारत गरीब ,अपाहिज,कमजोर,भ्रष्टाचार और दरिद्र देश के नाते पहिचाना जाने लगा | विश्व के बिभिन्न राष्ट्रों के पारस्पारिक संघर्षों में भी भारत का योगदान एक समर्थ राष्ट्र के रूप में नहीं रहा | परिणाम यह हुई कि देश की प्रतिमा विदेशों में अपमानित हुई है |

ये और इन जैसे ही अनेक कार्य है,जिन्हें कांग्रेस ने अपने काल में वचनबद्ध होते हुए भी नहीं निभाया | कांग्रेस गलत कार्य करने में जितनी तत्परता दिखाई है,उतनी ही तत्परता यदि इन सही और वचनबद्ध कार्यों को संपन्न करने में भी दिखाती, तो जनता के बीच में कांग्रेस इस हद तक वदनाम नहीं होती | जनता कहती कि इन कांग्रेसी मंत्रिओं ने अपने घर भले ही भरे हों किन्तु फिर भी राष्ट्रिय स्तर पर ऐसे कार्य, जिनकी उपयोगिता निर्बिबाद थी और जिनके कार्यान्वयन के लिए कांग्रेस वचनवद्ध भी थी, कांग्रेस ने पूर्ण कर दिए हैं | इस स्थिति में देश की देशभक्त जनता कांग्रेस को उसके उन कार्य के लिए, जिनसे वह पीड़ित है,अवश्य ही क्ष्यमा कर देती | महंगाई,गरीवी,बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को भूलकर भी जनता इतना संतोष कर लेती कि कांग्रेस ने कम से कम वे कार्य तो पूर्ण कर लिए हैं,जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर अतीब अनिवार्य थी |

आज जबकि इन बिफलताओं के कारण कांग्रेस वदनाम हो चुकी है और कोई प्रान्तों में जनता ने उसे तिरष्कृत भी  कर दिया है,जैसे तैसे गठजोड़ करके केंद्र में सत्तासीन है, और आज की परिदृष्टि से देखें तो अगले चुनाव में उसकी क्या दशा होगी कहना असंभव है | इन बातों का विचार कांग्रेस कर्णधारों को अवश्य करना चाहिए |
   

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