बुधवार, 11 जनवरी 2012

कार्टून

अरे भाई वो कार्टून किसने बनाया उसका नाम पहले देख लीजिये | इस देश में कार्टून बनाना जुर्म नहीं है वशर्ते कि कार्टून  ऍम.ऍफ़. हुसैन जैसे कुंठा ग्रस्त लोगों ने बनाया हो | वे चाहे भारत माता की नंगी तस्वीर बनाये ये या उनकी अपनी माँ की नंगी तस्वीर इस देश के मान्यवर न्यायलय,मान्यवर संसद या मान्यवर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री  किसीको कुछ फर्क पड़नेवाला नहीं है क्यूंकि इस देश में शिर्फ़ और शिर्फ़ अल्पसंक्षको को केवल अभिव्यक्ति की अधिकार है,इस देश पर सबसे पहला हक शिर्फ़ अल्पसंक्षको को ही है | क्यूँकि इस देश के हिन्दुओं ने कभी भी संगठित होना नहीं शिखा | जिस दिन हिन्दू संगठित होना सिख जायेंगे उसी दिन ये सत्ता ललुप राजनेता जान जायेंगे कि हिन्दू क्या है और हिन्दुओं की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता क्या है |


♦ अरविंद गौड़


एम्.ऍफ़.हुसैन जिसने कि भारतमाता तथा हिन्दुओं की देवी देवताओं की उलग्न चित्र बनाता था उसके वापसी के इंतज़ार में ये लोग पलके बिछाए बैठे थे, तो रश्दी के भारत आने में क्यूँ विरोध करते हैं ? जब इनकी माँ पर बात आती है तो इनको दुखती क्यूँ है ?  इनकी माँ ही माँ है दूसरों की माँ, माँ नहीं और कुछ है ?
यह हिन्दुस्थान है ऊपर से धर्मनिरपेक्ष्य है यहाँ चाहे भारत माता को गालियाँ दो या अपनी माँ को,चाहे देवी देवताओं तोड़ फोड़ दो या वेद पुराणों  की होली जला डालो कोई कुछ नहीं कहेगा |आप सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष्यवादी  कहलायेंगे और पुरष्कृत किये जायेंगे, सम्मानित हो पाएंगे | लेकिन जिस दिन यह देश दारुल हरव से दारुल इस्लाम हो जायेगा उसी दिन किसी हिन्दू की कंधे पर शर दिखाई नहीं देगा | या तो मुस्लिम कवूल करो या मरो | और किसी मुस्लिम में इतना हिम्मत नहीं है कि पैगम्बर को गलियाँ दे या कुराने शरीफ कि होली जलाएं | यह हिन्दू धर्म है आप इसे मानो या न मानो, आप मानने से हिन्दू रहेंगे और नहीं मानने से भी हिन्दू रहेंगे |

शास्त्रीजी के नाम के पीछे जो गाँधी शव्द नहीं है तो उनको कौन याद करेगा ? अगर आप या मैं हमारे नाम के पीछे भी गाँधी शव्द लगा दें,  वशर्ते हम  नेहेरुद्दीन खानदान के होना चाहिए | तभी ये कांग्रेसी आप की चप्पल को भी पूजेंगे | वैसे ये मीडिया वाले भी  बेकार की बड़ी बड़ी बातें हांकते हैं उनसे पूछिए क्या हो गया था  इनको ?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें