हे जगन्नाथ ! हे श्रीकृष्ण !
लोकपाल बिल टला नहीं टाला गया ,
१५ मिनट की टी ब्रेक में चैरमेन की चैर बिक गया ||
उल्टा चोर कहे कोतवाल को तू क्यूँ पकड़ा मोय
मैं अपनी मनमानी करता रहूँ तू जाके सो जाय ||
नं १- कल मौनमोहन बाबा की मौन व्रत था,
नं २-मौनमोहन बाबा गांधीजी के ३ बंदरों का १ समिश्रण है. आँख है देखूंगा नहीं, कान है सुनूंगा नहीं और जुवान है कहूँगा नहीं |
यहाँ बिकता है सब कुछ खरीदनेवाला चाहिए |
सढ़ रहा है माल गोदाम में लुटनेवाला चाहिए ||
बेचारा गांधीजी का बन्दर भी बोलता है ? कहेगा नहीं कहलाया जायेगा | मेडम जो कहेगी उसका लिखा हुआ ये बेचारा लिखा हुआ शिर्फ़ पढ़ेगा |
लोकपाल बिल टला नहीं टाला गया ,
१५ मिनट की टी ब्रेक में चैरमेन की चैर बिक गया ||
उल्टा चोर कहे कोतवाल को तू क्यूँ पकड़ा मोय
मैं अपनी मनमानी करता रहूँ तू जाके सो जाय ||
नं १- कल मौनमोहन बाबा की मौन व्रत था,
नं २-मौनमोहन बाबा गांधीजी के ३ बंदरों का १ समिश्रण है. आँख है देखूंगा नहीं, कान है सुनूंगा नहीं और जुवान है कहूँगा नहीं |
यहाँ बिकता है सब कुछ खरीदनेवाला चाहिए |
सढ़ रहा है माल गोदाम में लुटनेवाला चाहिए ||
बेचारा गांधीजी का बन्दर भी बोलता है ? कहेगा नहीं कहलाया जायेगा | मेडम जो कहेगी उसका लिखा हुआ ये बेचारा लिखा हुआ शिर्फ़ पढ़ेगा |
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