अब पता चला हमने क्यूँ गाड़ी नहीं ख़रीदा. क्या हमसे ज्यादा पैसा तुम लोगों के पास है ? अब भुगतो गाड़ी का मजा.इसीलिए तो हम घरमे खाते नहीं बाहर खाते हैं.दो कौड़ी की हैशियत नहीं................ अरे समझाओ यार इन बेवकूफ जनता को. पैसा जमा करना सीखो, घरमे नहीं बैंकों में वो भी विदेशी बैंकों में.
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