गुरुवार, 17 मई 2012





क्या आप सिगरेट स्मोक करते हैं ?
क्या आप अपनी फेफड़े जलाते हैं ?
क्या आप दिन भर खांसते रहते हैं ? 
क्या आप के  सिने में दर्द रहता है ?
क्या आप खांसते समय खून निकलता है ?
क्या आप के परिवार तथा दोस्त आपके नजदीक नहीं आते ?
क्या आप के परिवार के लोग आपसे परेशान रहते हैं ?
क्या आप सिगरेट से दूर रहना चाहते हैं ?
कोई बात नहीं, एक सहज और सरल उपाय इससे दूर रहने की !!!!!!
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इसके पास मत जाइए, बस हो गए न आप इससे दूर !!!!!!!! 
     

गुरुवार, 10 मई 2012

बिघटन की मनोब्रुत्ति................

आज देश की विडम्बना यह है कि कट्टरता के आगे झुकने कि प्रवृत्ति को हम उदारता कहते हैं और कट्टरता का सामना करने के आह्वान को संकुचितता और कट्टरता कहते हैं |
बिघटन की मनोब्रुत्ति
आज देश के तथाकथित धर्मनिरपेक्षवादी, हिंदुत्व के पुरस्कर्ताओं पर विघटनकारी  मनोवृत्ति को बढ़ावा देने का आरोप लगाते  नहीं थकते | तथापि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बिघटन का प्रारंभ स्वतन्त्रता के बाद नहीं अपितु स्वतन्त्रता के पहले ही हो चूका था | भारत का विभाजन ही विघटनकारी मनोब्रुत्ति का परिणाम है और इसके लिए उत्तरदायी है वे, जिन्होनें  विभाजन की मांग उठाई और इसे स्वीकार किया | खंडित भारत में अखंडता की चर्चा करना कहाँ तक उचित है ? भारत विभाजन की मांग निश्चित ही मुस्लिम कट्टरता की देन थी तथा उसे मान्य करने की भूमिका से कांग्रेस की तृष्टिकरण की निति थी | ये दोनों ही प्रवृतियां विभाजन के बाद भी यथावत बनी हुई है और आज भी वे ही विघटन की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं  |